Thursday, July 21, 2011

शुभ आरम्भ . . . . . . .

प्रणाम!
साथियों हमारा देश अपनी रंग-बिरंगी विविधतापूर्ण संस्कृति के लिए जगप्रसिद्ध है। हमारी सांस्कृतिक विविधता, विशेषता समय के साथ एवं अतिआधुनिकता के चलते दिनोंदिन दूषित होती जा रही है। इसका कारण हमारी लापरवाही तो है ही साथ ही हम अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोडक़र इसमें अमूल्य योगदान भी कर रहे है। समय के थपेड़ों एवं हमारी स्वार्थ लोलुपता के चलते आने वाले समय में हम अपने आपको ठगा सा महसूस करेंगे।
विरासत दी हेरिटेज के माध्यम से आपके साथ हमारे रीतिरिवाज एवं लुप्त होती हमारी प्राचीन परम्पराएं पर चर्चा करेंगे।
इस मंच पर हमारी संस्कति में रचे बसे संगीत यथा लोकसंगीत, हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत का रसास्वादन करेंगे। हमारी लोककलाएं, साहित्य, संस्कृति एवं धर्म-दर्शन को जानने का प्रयास करेंगे। साथ ही हमारे पुरखों की विरासत को संजोए रखने के लिए परस्पर चर्चा कर अपने दायित्व निर्वहन का प्रयास करेंगे। आशा है आप सभी हमारे इस विरासत दी हेरिटेज मिशन में लक्ष्य प्राप्ति तक साथ देंगे। इस हेतु आप अपने इष्ट मित्रों को भी हमारे इस ’लक्ष्य’ का हमसफर बना सकते है। ब्लॉग को फॉलो कर हमारी हौंसलाअफजाई अवश्य करें।
आपके सहयोग, सुझावों एवं आलोचनाओं का सदैव स्वागत है।

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